Bashir Badr 

उसे याद कर के न दिल दुःख, जो गुज़र गया वह गुज़र गया कहां लोट कर कोई आऐगा, जो गुज़र गया वह गुजर गया

कोई आएगा कोई जाएगा, कोई आएगा सुनो रास्तों की सुनो सदा, जो गुज़र गया वह गुजर गया

मुझे पत-झडों की कहानियों न सुना सुना के उदास कर नए मौसमों का पता बता, जो गुज़र गया वह गुजर गया

यहां एतबार और यकीन है, यह हकीकतों की जमीन है जरा देर का कोई ख़्वाब था, जो गुजर नथा वह गुजर गया

तेरे पास तेरा हबीब है. जो नहीं मिला वह नसीब है कोई फूल कहता है मुस्करा, जो गुजर गया वह गुजर गया